भोपाल. एक तरफ सरकार हाउसिंग सोसायटी के पीड़ितों को जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मुहिम चला रखी है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ितों की जमीन पर नगर निगम ने मांडवा बस्ती बसा दी है, जबकि इसी जमीन का एक हिस्सा हाउसिंग बोर्ड के कब्जे में है। सोसायटी की जमीन पर हुए अतिक्रमण को खाली कराने के लिए सोसायटी के पदाधिकारी कई बार कलेक्टर, निगम अफसरों से मिल चुके हैं। लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। दरअसल, 1986 में हिलटॉप हाउसिंग सोसायटी का गठन हुआ था।
सोसायटी में 550 सदस्यों के लिए 10 एकड़ 81 डेसीमल जमीन खरीदी थी। 250 मेंबरों ने करीब 60 लाख जमा किए थे। लेकिन इन 33 सालों में एक भी सदस्य को प्लॉट नहीं मिला। सरकार द्वारा सोसायटी के पदाधिकारियों को प्लॉट दिलाने के लिए शुरू की गई मुहिम के बाद टीएंडसीपी ने सोसायटी की 3 एकड़ जमीन का नक्शा पास कर दिया है। इस जमीन पर 70 से 80 लोगों को प्लॉट देने की तैयारी है। इधर, साेसायटी अध्यक्ष सतेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सदस्यों ने कलेक्टर से मुलाकात की थी, साेसायटी की रजिस्ट्री भी दिखाई। कलेक्टर ने भरोसा दिलाया है, लेकिन हक कैसे व कब तक मिलेगा यह नहीं बताया।
2003 में निजी जमीनों का किया अधिग्रहण
2003 में हाउसिंग बोर्ड ने आईआईएफएम के सामने मकान बनाने के लिए निजी जमीनों का अधिग्रहण शुरू किया। सोसायटी की एक एकड़ जमीन बोर्ड ने अपने नाम पर दर्ज कर ली। बाद में जब लोगों को मुआवजा नहीं मिला तो मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। सोसायटी पदाधिकारियों ने बोर्ड के अफसरों से मुलाकात की, लेकिन अफसरों ने मामला कोर्ट में होने का हवाला देकर इतिश्री कर ली। 2015 में ननि ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनाने के लिए कोटरा सुल्तानाबाद में बनी गंगानगर व नया बसेरा बस्ती के लोगों को सोसायटी की खाली 5 एकड़ जगह पर अस्थाई रूप से विस्थापित कर दिया था। इस दौरान सोसायटी के पदाधिकारी अफसरों के पास भी गए थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सोसायटी की जमीन पर जबरन झुग्गी वालों को बसाने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, फैसला अब तक नहीं हुआ।
जिम्मेदार बोले...शिकायतों की हो रही जांच
हिलटॉप सोसायटी के पीड़ितों ने प्लॉट नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी, इसकी जांच एसडीएम टीटीनगर से कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता और हाउसिंग बोर्ड फसरों से भी चर्चा करेंगे। -तरुण पिथोड़े, कलेक्टर
खसरा नंबर 261-ग का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वहां से फैसला होने के बाद आगे कुछ कार्रवाई हो सकेगी। डीके सिंह, डिप्टी कमिश्नर हाउसिंग बोर्ड
सोसायटी की पांच एकड़ जमीन पर नगर निगम ने झुग्गी वालों को बसा दिया। निगम के खिलाफ हमने एक याचिका दायर की थी। अगर प्रशासन जमीन खाली करा देता है तो हम अपनी याचिका वापस लेने को तैयार हैं। सतेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष हिलटॉप सोसायटी