भोपाल. भोपाल से 90 किमी दूर बाबई-मोहासा की 2000 एकड़ जमीन पर उद्योग लगाने वाले निवेशकों को 4 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाएगी। यह इंदौर के पीथमपुर के एसईजेड (विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र) में मिलने वाली प्रति यूनिट बिजली से भी कम है। पीथमपुर में 60 मेगावाट तक चार रुपए तेरह पैसे में बिजली उपलब्ध कराई जाती है। बाबई-मोहासा को राज्य सरकार ने इंडस्ट्रीयल टाउन घोषित किया है।
यानी अब मप्र पाॅवर जनरेटिंग कंपनी से घोषित दरों पर उद्योग विभाग ही भारत सरकार की विद्युत पाॅवर ट्रेडिंग कंपनी से बिजली खरीद कर उद्योगों को सप्लाई करेगा। कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बाबई-मोहासा औद्योगिक क्षेत्र (होशंगाबाद) देश का पहला इंडस्ट्रीयल एरिया होगा, जिसमें उद्योग विभाग बिजली सप्लाई करेगा।
फिल्म बनाने पर एक करोड़ सब्सिडी: प्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षित करने व निजी निवेश को प्रोत्साहित करने नई पर्यटन नीति में प्रावधान किए हैं। मप्र में 50% से ज्यादा फिल्म निर्माण करने पर अधिकतम 1 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी।
इनकी भी मंजूरी: शाजापुर के कमरदीपुर सिंचाई परियोजना के लिए 129 करोड़, मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त कार्यालय में 59 पदों को मंजूरी, जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को कर्ज भुगतान की अवधि में 6 माह की वृद्धि, सिंगरौली में नई हवाई पट्टी के निर्माण के लिए 35 करोड़ 30 लाख की राशि व्यय होगी।
समय पर अनुमति नहीं दी तो डीम्ड मंजूरी से उद्योग लगा सकेंगे निवेशक
नए उद्योग लगाने से पहले दस विभागों की 40 तरह की मंजूरी अब निवेशक को समय पर मिलेगी। राज्य सरकार ने टाइम बाउंड क्लियरेंस एक्ट 2020 को मंजूरी दे दी। इसमें 25 अनुमतियां व लाइसेंस 24 घंटे में, 10 मंजूरी 7 दिन में और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जुड़ी 5 तरह की स्वीकृतियां 15 दिन में मिलेंगी। एक्ट में यह प्रावधान किया है कि निवेश पोर्टल पर आवेदन करने के बाद यदि समय पर अनुमति नहीं मिलती तो आवेदक डीम्ड मानकर उद्योग लगाने का काम कर सकता है।